Read The Main News Article
उत्तर प्रदेश के सभी छात्रों के लिए एक बहुत जरूरी अपडेट आया है, छात्रों को प्रमोट या प्रोन्नत किए जाने के संदर्भ में 3 सदस्य कमेटी बनाई गई थी जिसने अपनी गोपनीय रिपोर्ट शासन को दे दी है.
इस रिपोर्ट में मुख्य बात यह है की कमेटी ने छात्रों को प्रोन्नत किए जाने के साथ-साथ परीक्षा का भी विकल्प दिया है. अब शासन पर निर्भर करेगा कि वह आगे क्या निर्णय लेता है.
उत्तर प्रदेश में संक्रमण की स्थिति काफी नाजुक है इसी कारण से परीक्षाएं आयोजित करा पाना काफी मुश्किल हो रहा है. किसी परिस्थिति के निवारण हेतु शासन ने 3 सदस्य की उच्च स्तरीय कमेटी बनाई थी, जिसे छात्रों को प्रोन्नत करने के लिए मानक तैयार करने थे.
समिति में रुहेलखंड विवि, कानपुर विवि और लखनऊ विवि के कुलपति शामिल थे। कई ऑनलाइन बैठकों के दौर के बाद तीनों कुलपतियों ने अपनी रिपोर्ट शासन को दे दी है.
ऐसा माना जा रहा है कि प्रमोट और परीक्षा को लेकर शासन पिछले साल के मॉडल को अपना सकता है। जिसमें प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रमोट किया गया था वहीं फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा कराई गई थी.
मगर इसी के साथ अगर स्नातक के कोर्स उसको छोड़ दिया जाए और परास्नातक कोर्सेज की बात की जाए तो इस पर शिक्षकों का कहना है कि अब यदि सभी छात्रों को प्रमोट किया गया तो परास्नातक के छात्रों को बिना किसी परीक्षा के ही डिग्री मिल जाएगी। ऐसा इसलिए कि पिछले साल परास्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट किया गया था।
इसीलिए फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित कराना जरूरी बताया जा रहा है.
माना जा रहा है कि फाइनल ईयर की परीक्षा शासन करा सकता है पर स्नातक में प्रथम व द्वितीय वर्ष तथा परास्नातक के प्रथमवर्ष के छात्रों को प्रमोट किया जाएगा। इसके लिए पिछले साल के मॉडल को अपनाया जाएगा।
No comments:
Post a Comment